महिला के चेहरे की मुस्कान तय करती है घर से लेकर देश की ख़ुशहाली

आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और हम कोशिश कर रहे हैं एक बराबरी के समाज की जहॉं लिंगानुपात भेद की सोच समाप्त हो सके ।

यह बात सर्वमान्य है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में सामाजिक हित के काम करने और अच्छे परिणाम लेने के लिए अधिक एकजुटता रखती हैं। दूसरों की जरूरतों के बारे में अधिक जागरूक होती हैं। यह बात यूएन के हैप्पीनेस इंडेक्स के शीर्ष देशों के अध्ययन से भी स्पष्ट होती है। दुनिया के शीर्ष दस सबसे खुशहाल देशों में से आठ में संसदीय पदों पर 40% से अधिक महिलाएं हैं। न्यूजीलैंड में तो महिलाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। गैलप संगठन की मदद से 2013 के बाद से यूएन 146 देशों में नागरिकों के खुशी के स्तर का आंकलन कर रहा है। उसने अपने अध्ययन से निष्कर्ष निकाला है कि सबसे
खुशहाल देश लैंगिक समानता में भी असाधारण हैं। यानी वहां महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान हासिल है।

हैप्पीनेस इंडेक्स में इजराइल भी टॉप-10 में पिछली पायदान पर है, वहां भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व 30 प्रतिशत के लगभग है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि जिन देशों में महिलाएं कामकाजी ज्यादा हैं वहां खुशहाली भी ज्यादा है।
हैप्पीनेस इंडेक्स में फ़िनलैंड पहले स्थान पर , डेनमार्क दूसरे व आइसलैंड तीसरे स्थान पर है जहॉं पर संसद में महिलाओं की भागीदारी 40 प्रतिशत से ज़्यादा है जबकि
भारत का 136 वॉं स्थान है और संसद में महिलाओं की भागीदारी 15 प्रतिशत से भी कम है ।
ज़रूरी प्रश्न है कि महिला का ख़ुशी का मापक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मापक से आम व्यक्ति तक कैसे पहुँचें इसके लिए मैंने पीरियड चार्ट , गाली बंद घर चार्ट के बाद विमेन हैप्पीनेस चार्ट की सामाजिक खोज की है । आज महिला दिवस के मौक़े पर मैंने इस चार्ट को राष्ट्र के घरों को समर्पित किया है जिसमें हम बहुत आसान तरीक़े से घर की महिलाओं की ख़ुशी को माप सकते हैं और फिर कोशिश करेंगे कि कहॉं कमी रह जाती है जिससे उनकी मुस्कान छीन जाती है । यह विमेन हैप्पीनेस चार्ट का पहला आयाम है इसका दूसरा वर्जन एक वर्ष बाद लॉंच किया जाऐगा । इसको बहुत सरल तरीक़े से तैयार किया है जिसमें मापने का आयाम सबको समझ आ सके ।
सेल्फी विद डॉटर अभियान में जब काफ़ी लोगों के प्रश्न होते थे कि इससे क्या बदलेगा फिर हमने सेल्फी विद डॉटर के ऐसे मापक तैयार किए जिसमें सेल्फी के द्वारा आई हुई क्षणिक ख़ुशी को स्थिर किया जा सके । अब सेल्फी विद डॉटर लोगों के प्यार से अन्तर्राष्ट्रीय अभियान बन गया है तो इस अभियान की ज़िम्मेदारी भी बढ़ गई है , इसलिए हर पहलुओं पर लगातार चर्चा एवं जनमत संग्रह करके हमारी कोशिश जारी रहेगी कि आने वाले समय में बराबरी का एहसास सबके ह्रदय तक ईमानदारी से पहुँच सके ।

1 Comment

  • JAYA AGARWAL , March 10, 2023

    Very well done sir, solute to your SOCH. We the women are Fortunate to have a man like to feel our pain and raise the voice for it.

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